Health: 50% से ज्यादा भारतीय महिलाओं में Vitamin-D की कमी, जानें कैसे बढ़ा रहा है गंभीर बीमारियों का खतरा

- sakshi choudhary
- 27 Sep, 2025
Health: भारत में Vitamin-D deficiency तेजी से बढ़ रही है और खासतौर पर महिलाएं इसकी चपेट में हैं। शोध बताते हैं कि देश की 50% से ज्यादा महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं। इसका सीधा असर उनकी bone health और इम्युनिटी पर पड़ता है। यही कारण है कि 40 साल की उम्र के बाद महिलाओं में फ्रैक्चर का खतरा पुरुषों से दोगुना पाया गया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि आज की लाइफस्टाइल, धूप की कमी और असंतुलित आहार इस कमी का मुख्य कारण बन रहे हैं।
महिलाओं में विटामिन-डी की कमी के कई लक्षण सामने आते हैं जैसे लगातार थकान, back pain, घुटनों में दर्द, मांसपेशियों की कमजोरी, अवसाद और बाल झड़ना। मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार विटामिन-डी का सामान्य स्तर 20 से 50 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर होना चाहिए। इससे कम होने पर शरीर कैल्शियम को अवशोषित नहीं कर पाता, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और osteoporosis जैसी समस्याएं जन्म लेती हैं।
विशेषज्ञ बताते हैं कि गर्भावस्था में Vitamin-D deficiency और भी खतरनाक साबित हो सकती है। यह प्रीक्लेम्पसिया (high blood pressure), गर्भकालीन मधुमेह और सिजेरियन डिलीवरी का खतरा बढ़ाती है। शहरी महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी जाती है क्योंकि वे धूप में कम समय बिताती हैं और उनके आहार में nutritional food की कमी पाई जाती है।
इस कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सुबह 7 से 9 बजे के बीच 15–20 मिनट धूप लेने की सलाह देते हैं। इसके साथ ही अंडे की जर्दी, fatty fish, दूध, डेयरी उत्पाद और मशरूम जैसे खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करना चाहिए। अगर धूप और आहार से पर्याप्त मात्रा नहीं मिल पा रही हो तो डॉक्टर की सलाह से Vitamin-D supplements लेना फायदेमंद हो सकता है।
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